हिंडन को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने की दिशा में एक ओर सराहनीय पहल करते हुए मेरठ एवं सराहनपुर मंडल के जिलों में हिंडन नदी किनारे ग्रामों में हिंडन वाटिका विकसित करने की तैयारी की जा रही है. शामली जिले के अंतर्गत पहले ही हिंडन किनारे वाटिका विकसित की जा चुकी है, साथ ही मुज्जफरनगर के बुढ़ाना में भी हिंडन वाटिका का निर्माण कार्य जारी है.

हिंडन और सहायक नदियों को अविरल बनाने हेतु पंचवर्षीय योजना तैयार की गयी है. नीर-फाउंडेशन के निदेशक श्री रमनकांत त्यागी के अनुसार,

आगामी वन महोत्सव के दौरान हिंडन और उसकी सहायक नदियों के तटों पर वृक्षारोपण कर प्रदूषण से मर रही हिंडन को संजीवनी दी जाएगी.

गौरतलब है कि निर्मल हिंडन कार्यक्रम के तहत हिंडन नदी के उद्गम स्थल शिवालिक वन क्षेत्र के अंतर्गत भी जैव विविधता संरक्षण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. इसका प्रारंभ हिंडन की सहायक नदी नागदेव के निकट ग्राम कोठरी, बहलोलपुर में जैव विविधता पार्क का निर्माण कर किया गया है.

 

निर्मल हिंडन कार्यक्रम के जनक डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर “प्रभात जैव विविधता पार्क” का शिलान्यास हाल ही में पदम् श्री डॉ. अनिल जोशी द्वारा किया गया था, जहां स्थानीय पौधों की प्रजातियों को संरक्षित करने के एवं जीव- संरक्षण के मंतव्य से पार्क का उद्घाटन किया गया है. इन पार्कों के माध्यम से न केवल हिंडन किनारे की स्वच्छता और सुंदरता पर ध्यान दिया जाएगा, अपितु इनके जरिये प्रदूषण कम करने की मुहिम भी चलाई जाएगी. इस प्रकार के पार्क-निर्माण से स्थानीय निवासियों में नदी संरक्षण को लेकर जागरूकता तो आयेगी ही, साथ ही टूरिज्म के लिहाज से भी ये जैव विविध पार्क सराहे जा रहे हैं.