हिण्डन नदी पश्चमी उत्तर प्रदेश में गंगा एवं यमुना नदियों के बीच बहने वाली एक महत्वपूर्ण नदी है जो ऐसे बेसिन में प्रवाहित होती है जो कृषि उत्पादकता की दृष्टि से अत्यन्त उपजाऊ है । हरनन्दी नाम से विख्यात रही इस महाभारतकालीन नदी मे प्रति समाज की गहन श्रद्धा भी है, किन्तु पिछले कुछ दशकों से इसमें भारी मात्रा में ठोस अपशिष्ट, अशोधित मलज़ल और औद्योगिक बहिस्राव डाले जाने से यह नदी बडे पैमाने पर दूषित हुई है । प्रदूषण नियंत्रण विभाग के विगत वर्ष के लिए गए नमूनों के अनुसार यह प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक मानी गयी है । अत्यन्त प्रदूषित होने के कारण यह जीवनदायिनी नदी एक ओर तो अपने अस्तित्व को बचाने के लिये जूझ रही है वहीं दूसरी ओर इसके समीप बसे ग्राम वासियों के लिये यह विभिन्न दुश्वारीयों का कारण बन गयी है । इस पर पेयजल व सिंचाई क लिये निर्भर रहे लाखों क्षेत्रवासियों एवं उनकी वर्तमान पीढी के लिये यह पौराणिक नदी वर्तमान में एक नाले के रूप में ही जानी जा रही है ।

हिण्डन नदी के अस्तित्व को बचाने व इसको पूर्वावस्था में लाने के लिये शीघ्र ही सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यक है । इसी जिम्मेदारी का अहसास कराने तथा हिंण्डन नदी के महत्व एवं संरक्षण के प्रति जागरूकता बढाकर जनमानस की सोच में बदलाव लाने के उद्देश्य से ‘निर्मल हिण्डन’ कार्यकम का सृजन किया गया है जिसके अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की सफलता एवं इसको मिल रहे जनसमर्थन से मैं काफी उत्साहित हूँ और सभी सहभागियों से यह अनुरोध करता हूँ की कार्यकम की सफलता के लिये द्रढ़ इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ अपना योगदान दें । हिंण्डन को पूर्वावस्था में लाने का दायित्व केवल सरकार का नहीं है बल्कि यह उस पूरे क्षेत्र के प्रत्येक निवासी की जिम्मेदारी भी है ।

 

डा० प्रभात कुमार

– अध्यक्ष, निर्मल हिंण्डन/आयुक्त, मेरठ मण्डल, मेरठ ।