कल नहीं आज और आज नहीं अब…….इसी भाव के साथ डा0 प्रभात कुमार ने जुलाई 2017 को हिण्डन नदी को बदहाली से उबारने का साहसी निर्णय लिया था। उस निर्णय सेे बीज रूपी निर्मल हिण्डन कार्यक्रम जन्मा जिसने कि लगभग एक वर्ष का सफर तय करके हिण्डन सेवा के रूप में समाज और सरकार के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।

हिण्डन सेवा का कार्य इस सोच के साथ प्रारम्भ किया गया था कि हिण्डन व उसकी सहायक नदियों को समाज के सहयोग से गंदगी मुक्त करना है। किसी पर कोई दबाव नहीं कि वह इस सेवा में भाग ले लेकिन आग्रह सबसे किया गया कि जो नदी सैंकड़ों वर्षों से अपने निकट बसे समाज को खुशहाली देती आई आज जब वह गंदगी रूपी रोग से ग्रसित है तो उसका उपचार अथवा सेवा करने की जिम्मेदारी उसके पुत्रों/पुत्रियों की बनती ही है। इस आग्रह पर समाज ने भी निराश नहीं किया और वह उठ खड़ा हुआ हिण्डन सेवा के लिए। साथ बैठे, बात हुई, रणनीति बनी और हिण्डन सेवा प्रारम्भ हो गई।

22 अप्रैल का वह दिन साक्षी बना उस उल्लास का जब सरकार और समाज के नुमाइंदे अपनी हिण्डन नदी को गंदगीमुक्त करने के उद्देश्य से उसमें कूद पड़े।

हिण्डन सेवा का कार्य पुरा महादेव के निकट से बहती हिण्डन नदी पर प्रारम्भ हुआ। हिण्डन नदी मेरठ और बागपत जनपद की सीमा रेखा है। नदी की पूर्वी दिशा में मेरठ जनपद तथा पश्चिमी दिशा में बागपत जनपद है। दोनों जनपदों की सीमा पर हिण्डन नदी की सेवा का कार्य एक साथ प्रारम्भ किया गया। मेरठ व बागपत दोनों जनपदों के प्रशासनिक अधिकारी तथा दोनों की जनपदों के गांवों के प्रधान, बड़ी मात्रा में ग्रामीण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, स्वयं सेवक व राजनैतिक कार्यकर्ता करीब 1500 की संख्या में एकत्र हुए और नदी सेवा में जुट गए।

भयंकर प्रदूषण के कारण जिस हिण्डन नदी के निकट खड़ा होना भी दूभर था उसी गंदगी को नदी से बाहर निकाल फेंकने के लिए मन में नदी प्रेम की भावना के साथ हिण्डन प्रेमियों का जमावड़ नदी में कूद पड़ा और एक ही दिन में करीब एक किलोमीटर तक नदी साफ कर दी।

कैसे बनी रणनीति

पुरा महादेव के निकट करीब पांच किलोमीटर तक हिण्डन नदी में जलकुम्भी अटी पड़ी थी। यहां यह आभाष तो होता था कि ये नदी का बहाव क्षेत्र है लेकिन नदी देखने को नहीं मिलती थी। इस स्थिति को देखते हुए डा0 प्रभात कुमार द्वारा निर्णय लिया गया कि इस पांच किलोमीटर की नदी को ऐसा बनाना है जिससे कि नदी जल को सूर्य का प्रकाश तथा वायु दोनों सीधे मिल सकें अर्थात जल कुम्भी को नदी से निकालना है। इसके लिए सबसे पहले संबंधित अधिकारियों निर्मल हिण्डी की टीम की एक बैठक बुलाई गई। बैठक में नदी सफाई संबंधी सभी बिन्दुओं पर गहनता से विचार किया गया तथा सफाई की एक उचित रणनीति बनाई गई। इस दौरान उपयोग में आने वाली वस्तुओं को जुटाया गया। रणनीति के अनुसार नदी के दोनों ओर से एक साथ कार्य करने की योजना बनी। योजना में एक किलोमीटर की नदी को 200 मीटर में बांट दिया गया तथा बागपत व मेरठ जनपद की पांच-पांच टीमें बनाई गईं। प्रत्येक टीम को 200 मीटर की दूरी में ही कार्य करना था। इसके लिए प्रत्येक टीम को आवश्यकता के अनुसार उपकरण व मानव शक्ति (सरकारी व ग्रामीण) उपलब्ध कराई गई। प्रत्येक टीम में करीब 150 हिण्डन प्रेमियों की संख्या रखी गई। प्रत्येक टीम का एक समन्वयक नियुक्त किया गया, जिसके निर्देश पर उस टीम को कार्य करना था। सभी टीम को निर्देश देने की जिम्मेदारी स्वयं डा0 प्रभात कुमार ने संभाली।

कौन-कौन बने भागीदार

हिण्डन सेवा में मण्डलायुक्त डा0 प्रभात कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मेरठ श्री सत्यप्रकाश पटेल, तथा बागपत, डी0पी0आर0ओ0 मेरठ श्री आलोक शर्मा तथा बागपत श्री हूब लाल, अपर जिलाधिकारी बागपत सुश्री अन्नपूर्णा, नगर निगम मेरठ के श्री कर्णी, तहसीलदार मेरठ व बागपत, ए0डी0ओ0 पंचायत मेरठ व बागपत, मेरठ व बागपत जनपद के विभिन्न गांवों के सचिव, दोनों जनपदों के विभिन्न गांवों के पटवारी, मेरठ जनपद सेे रसूलपुर, कल्याणपुर, किनौनी, उकसिया, डालूहेड़ा, मिर्जापुर, रासना, लाहौरगढ़, आलमगिरपुर, जिटौला व कैथवाड़ी तथा बागपत जनपद से पुरा सहित दर्जनों गांवों के प्रधान, सामाजिक संगठन माई क्लीन सिटी के समन्वयक श्री अमित अग्रवाल व उनकी टीम के स्वयं सेवक, राजनैतिक कार्यकर्ता श्री राहुल देव, श्री सचिन अहलावत, श्री सुनील रोहटा, बुढ़ाना के अधिशासी अधिकारी श्री ओम गिरी के नेतृत्व में आई बुढ़ाना नगर पालिका की टीम, खिवाई, हर्रा, सिवालखास, सरधना, बागपत, बड़ौत, पिलाना व खेखड़ा नगर पालिकाओं व नगर पचायतों के सफाई कर्मचारी, मेरठ व बागपत जनपद के दर्जनों गांवों के सफाई कर्मचारी, बड़ी संख्या में हिण्डन मित्र व श्री तुमुल कक्कड़ के नेतृत्व में दिल्ली से आई दूरदर्शन की टीम सहित करीब 1500 हिण्डन प्रेमियों ने भाग लिया।

हिण्डन सेवकों की सेवा

हिण्डन सेवा में लगे रहने वाले हिण्डन प्रेमियों के खाने-पीने की व्यवस्था लाहौरगढ़, मिर्जापुर, रासना व पुरा गांव के लोगों ने मिलकर की। जब तक हिण्डन सेवा का कार्य चला तब तक इन गांववासियों ने सामुहिक रूप से प्रतिदिन भंड़ारे की व्यवस्था की। भंडारे में प्रतिदिन करीब 200-300 हिण्डन प्रेमी भोजन करते थे। इनमें श्री राजीव त्यागी, श्री सचिन कुमार, श्री अमरीश त्यागी, श्री शरणवीर सिंह व उनकी टीम ने भंडारे की व्यवस्था की।

 

दूरदर्शन की टीम

हिण्डन सेवा के कार्य को अपने कैमरों में कैद करने तथा उसको टेलीविजन के माध्यम से देश के लोगों तक पहंुचान के उद्देश्य से श्री तुमुल कक्कड़ के नेतृत्व में दूरदर्शन की एक टीम भी पहुंची। जिसने कि पूरी हिण्डन सेवा के कार्य को कैमरों के माध्यम से देखा, उसको ठीक किया और फिर टेलीविजन पर प्रसारित किया। इसका प्रसारण दूरदर्शन समाचार चैनल पर तीस अप्रैल को किया गया। इसका प्रसारण माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से जोड़कर किया गया।

 

बैलेट बाॅक्स की टीम

जन सरोकार से जुड़े संगठन बैलेट बाॅक्स के दो सदस्यों श्री स्वर्णताभ व श्री ऋिषभ ने हिण्डन सेवा में आकर जहां श्रमदान किया वहीं हिण्डन सेवा के कार्य को अपने कैमरों में कैद किया। इस कार्य के आधार पर बैलेट बाॅक्स द्वारा एक वीडियो तैयार किया गया जिसको कि यूटयूब पर प्रसारित किया गया।

 

बुढ़ाना ने पाई प्रेरणा

हिण्डन सेवा से प्रेरणा पाकर बुढ़ाना कस्बे के अधिशासी अधिकारी श्री ओम गिरी के नेतृत्व में बुढ़ाना कस्बे के निकट से बहने वाली हिण्डन नदी पर भी 5 मई, 2018 को सफाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया। हिण्डन सफाई में बुढ़ाना के अपर जिलाधिकारी श्री कुमार भूपेन्द्र, बुढ़ाना नगर पालिका के कर्मचारी, कस्बे के निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता जुटे और करीब एक किलोमीटर की नदी को गंदगी मुक्त कर दिया। इस दौरान निर्मल हिण्डन की टीम के श्री राजीव त्यागी, शुभम कौशिक, अनुभव राठी, इंडियन रैड क्रोस सोसाइटी के डा0 राजीव कुमार, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से श्री दीपक कुमार, सैफी जनसेवा समिति के डा0 अब्दुल गफ्फार सैफी व नगर पंचायत से श्री सतीश कुमार आदि सैंकड़ों हिण्डन प्रेमियों ने हिण्डन सेवा में भाग लिया।

प्रधान पंचायत

हिण्डन सेवा के कार्य को मेरठ व बागपत जनपद में नदी की दूरी तक किनारे बसे गांवों को हिण्डन सेवा में जोड़ने केे उद्देश्य से 11 मई, 2018 को पुरा महादेव हिण्डन पुल के नीचे प्रधान पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में बागपत जनपद में हिण्डन नदी से एक किलोमीटर तक की दूरी के करीब 42 गांवों तथा मेरठ जनपद में नदी से एक किलोमीटर तक की दूरी के करीब 22 गांवों कें प्रधानों, ग्राम सचिवों तथा संबंधित पटवारियों को बुलाया गया। इस पंचायत में ग्राम प्रधानों से अपने गांव के आगे की नदी की सफाई की जिम्मदारी उठाने के लिए कहा गया। इस कार्य को मनरेगा के मजदूरों की सहायकता व गांव की निर्मल हिण्डन समिति के सहयोग से करने के लिए कहा गया। जो गांव अपने हिस्से की नदी की सफाई करेंगे वे ऐसी व्यवस्था भी करेंगे कि नदी का वह हिस्सा पुनः गंदा न होने पाए।

 

अनवरत हिण्डन सेवा

ऽ हिण्डन सेवा का कार्य 22 अप्रैल से प्रारम्भ होकर करीब 15 दिन तक पुरा महादेव के निकट जारी रहा। इस दौरान करीब पांच किलोमीटर तक की तमाम गंदगी नदी से बाहर कर दी गई। जहां नदी के नाम पर मात्र जलकुम्भी दिखती थी वहां नदी बहती हुई नज़र आने लगी।

ऽ नदी से निकाली गई जलकुम्भी से कृषि विभाग की देखरेख में खाद बनाने का कार्य जारी है।

ऽ नदी के दोनों ओर नदी की ज़मीन का चिन्हांकन व सीमांकन का कार्य जारी है।

ऽ नदी के निकट की ज़मीन में वन महोत्सव (1-7 जुलाई) के मध्य वृक्षारोपण कराया जाएगा। जिसमें कि वन विभाग की मदद से विशेष प्रकार के पौधे ही रौपे जाएंगे। इसकी तैयारी प्रारम्भ की दी गई है।

ऽ नदी की खुदाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

ऽ नदी में गंगा नहर से पानी छोड़ने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

 

निर्मल हिण्डन कार्यक्रम के तहत प्रारम्भ की गई हिण्डन सेवा, हिण्डन व उसकी सहायक नदियों को गंदगी मुक्त बनाने तक अनवरत चलने वाला कार्यक्रम है। 22 अप्रैल, 2018 से प्रारम्भ हुआ यह कार्य जब तक अपनी मन्जिल नहीं पा लेगा बहाव क्षेत्र के सभी सात जनपदों में चलता ही रहेगा।

 

 

रमन कान्त त्यागी 

निदेशक 

नीर फाउंडेशन